मेरी प्यारी हिन्दी
मेरी प्यारी हिंदी।
जग से न्यारी हिंदी।।
सब भाषाओं की जननी है।
सब भाषाओं से पहली है।
मातृभाषा है यह हमारी।
सबको उन्नत करती,
मेरी प्यारी हिंदी।
प्यारी प्यारी प्यारी।
राज दुलारी हिंदी।।
इसे मिला राजभाषा का ताज।
इसे मिला जग में सम्मान।
भारतीय संस्कृति की पहचान दिलाती,
मेरी प्यारी हिंदी।
जग से न्यारी हिंदी।।
मन में जगाती आत्मविश्वास।
इसको मिलता मां का प्यार।
भारत मां के माथे सजी है स्वर्णिम बिंदी,
मेरी प्यारी हिंदी।
जग से न्यारी हिंदी।।
--गीता सिंह
खुर्जा, उत्तर प्रदेश
Comments
Post a Comment