पहाड़ाँ वाली मां



बीच पहाड़ाँ भवन है मां का।
पावन पर्वत पर जइयो।।
वहां देवी माता आएंगी।
 तू देखता रहियो।

जब देवी माता आएं तो
 तू भी जोत जला देना,
 सब मनोकामना पूरी होंगी,
 पूरा होगा हर सपना।

 पान-सुपारी, ध्वजा, नारियल 
मैया को अर्पण करियो 
वहां मेरी मैया आएंगी 
तू देखता रहियो।

 जब देवी माता आए तो
तू भी भोग लगा देना,
खीर-पूड़ी और हलवा 
मां को देता जइयो।
 वहां मैया रानी आएंगी
 तू देखता रहियो।।


--गीता सिंह 
 खुर्जा, उत्तर प्रदेश 

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