ए वतन मेरे... आबाद रहे तू


गौरवशाली इतिहास, पुण्य भूमि, तपोभूमि और अपनी अद्वितीय संस्कृति से परिपूर्ण मेरा भारत देश सदैव खुशियों से भरा रहे।

मेरा देश महान से भी महान है ,
पूरे विश्व में इसका नाम है।

जहां सीमा पर जान की बाजी लगाने को तैयार देश का जवान, जहां खेतों में सोना उगाता अन्नदाता किसान ,ऐसा देश है मेरा।
15 अगस्त 2020 को 73 वीं स्वतंत्रता की वर्षगांठ मनाता मेरा देश चारों ओर प्रगति कर रहा है ।मैं गौरवान्वित हूं कि मेरे प्यारे देश ने विश्व में अपनी पहचान बनाई है।

सिर पर मुकुट हिमालय का,
चरणों में पानी सागर का।
जिसमें बहती गंगा है,
वह भारत देश हमारा है।

विभिन्न बोलियों भाषाओं से भरा विभिन्न धर्मों से युक्त प्रत्येक प्रकार की जलवायु से ओतप्रोत मेरा वतन एक माला में पिरोया हुआ प्रतीत होता है।

जहां अतिथि देवता के रूप में पूजे जाते हों, जहां बड़ों का आदर और छोटों को स्नेह किया जाता हो, जहां मां को सर्वोच्च स्थान प्राप्त हो, जहां बुजुर्गों की सेवा की जाती हो, गाय पूजी जाती हो, विश्व बंधुत्व की भावना हो, ऐसा मेरा प्यारा भारत सदैव खुशियों से भरा रहे।

मेरे देश की इस पावन धरती पर अनेक महानतम व्यक्ति हुए हैं जिन्होंने अपने वचन के लिए सब कुछ न्योछावर कर दिया ।आरंभ से ही शांति का दूत रहा है, परंतु जब बात संप्रभुता की आती है तो सीमा पर किसी की बुरी दृष्टि सहन नहीं करता। मेरा देश अपनी रक्षा करना जानता है।
अंत में मेरी हार्दिक इच्छा है-

जब तक सूरज चांद रहेंगे,
तब तक नाम तुम्हारा होगा।
चाहे कोई कितना भी कर ले,
विश्व विजेता भारत होगा।

--गीता सिंह

 उत्तर प्रदेश

Comments

Popular posts from this blog

एकांत, सुख या दुःख

गांधीजी के तीन बंदर

अगर पिज़्ज़ा बर्गर बोलते...