मेरे राम जय श्री राम


मेरे राम जय श्री राम

पाँच  सौ वर्ष की कड़ी प्रतीक्षा
में,  शुभ दिन यह आया है।
चौदह  नवंबर दीपोत्सव का,
अवध में सुख क्षण आया है।
अवध के सारे वासी को ,उन पर है अभिमान
 मेरे राम ,जय श्री राम
 वे सारे जग के भगवान ।।

पाँच लाख इक्यावन हजार 
 दीप जलाए अयोध्या में,
ऐसा अद्भुत ,अकल्पनीय
 ऐतिहासिक क्षण आया है।
मेरे देश और हिंदुत्व का ,आज उन्होंने  बढ़ाया मान
 मेरे राम ,जय श्री राम
 वे सारे जग की भगवान।।

अपनी प्रजा को सब सुख दीने
स्वयं के लिए कभी कुछ ना मांगे ।
 त्याग भावना सिखाने आए
मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए।
 पल-पल लीला करते जाते ,मंद मंद मुस्काए राम
 मेरे राम ,जय श्री राम
 वे सारे जग के भगवान।।

गीता सिंह
खुर्जा, बुलन्दशहर 
उत्तर प्रदेश

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